| 1. | अब ऊर्ध्वाधर समतल को आ रे (GL) के परित:
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| 2. | मान लें, इनके पाद ऊर्ध्वाधर समतल पर ब ऊऔर क्षैतिज पर ब क्ष हैं।
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| 3. | ऊर्ध्वाधर समतल से भ्रंश समतल का जितना झुकाव होता है, वह उसका उन्नमन (
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| 4. | ऊर्ध्वाधर समतल से भ्रंश समतल का जितना झुकाव होता है, वह उसका उन्नमन (hade) कहलाता है।
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| 5. | ऊर्ध्वाधर समतल से पीछे के चतुर्थांशों में से ऊपरवाले को द्वितीय और नीचेवाले को तृतीय कहते हैं।
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| 6. | द्रष्टा और ऊर्ध्वाधर समतल के बीचवाले चुतर्थांशों से क्षैतिज समतल से ऊपरवाले को प्रथम और नीचेवाले को चुतर्थ कहते हैं।
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